1G / 2G / 2.5G / 3G / 4G / 5G In Hindi (Detailed)
1जी नेटवर्क क्या है, कब आया, किसके द्वारा बनाया गया है ?
यह मोबाइल नेटवर्क की सबसे पहली पीढ़ी थी। इसकी शुरूआत 1981 में USA द्वारा बनाया गया है। 1जी के माध्यम से केवल वॉयस कॉलिंग और मैसेजिंग का ही उपयोग होता था और यह सर्विस कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही उपलब्ध थी। यह एनालॉग सिग्नल पर आधारित तकनीक थी और तकनीक पर चलने वाले हैंडसेंट काफी भारी हुआ करते थे। 1जी तकनीक में मोबाइल फोन पर आवाज की क्वालिटी काफी खराब थी और यह बैटरी की बहुत खपत करता था। 1जी तकनीक में 2.4केबीपीएस तक की गति थी।नुकसान
- औसल वॉयस क्वालिटी
- साधारण बैटरी लाइफ
- भारी भरकम फोन
- सिक्योर नहीं
- लिमिटेड क्षमता
2जी नेटवर्क क्या है, कब आया, किसके द्वारा बनाया गया ?
मोबाइल नेटवर्क की दूसरी पीढ़ी 2जी थी जो कि जीएसएम पर आधारित थी। 2जी की शुरूआत फिनलैंड में 1991 में हुई। इस तकनीक में पहली बार डिजिटल सिग्नल का उपयोग किया गया। इस तकनीक के माध्यम से फोन कॉल के अलावा पिक्चर मैसेज, टेक्स्ट मैसेज और मल्टीमीडिया मैसेज भेजे जाने लगे। इस तकनीक में 1जी के मुकाबले बैटरी की खपत कम होती थी। 2जी तकनीक में डाउनलोड और अपलोड की अधिकतक स्पीड 64केबीपीएस तक थी। इसके बाद इसके अडवांस वर्जन 2.5जी और 2.7जी भी बाजार में आए। जिसमें डाटा के आदान-प्रदान की गति पहले से और अधिक हो गई थी। साथ ही इसमें ईमेल सेंड और रिसीविंग के अलावा वेब ब्राउजिंग की सुविधा उपलब्ध थी।
2.5जी नेटवर्क क्या होता है?
इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग 2जी टेक्नोलॉजी और 3जी टेक्नोलॉजी के बीच किया गया। इसके सेल्यूलर टेक्नोलॉजी को जीपीआरएस के साथ जोड़कर एक सक्षम नेटवर्क बनाया। जिसमे फोन कॉल्स, सेंड / रिसीव ईमेल मैसेजेस, वेब ब्राउजिंग, इत्यादि। इसकी स्पीड 64-144केबीपीएस होती थी, इसमें किसी 3 मिनट के एमपी3 ऑडियो को डाउनलोड करने के लिए लगभग 6-9 मिनट का समय लगता है।
लाभ
-टेक्स्ट मैसेज, पिक्चर मैसेज और एमएमएस सर्विस
- बेहतर क्वालिटी और क्षमता
नुकसान
- डाटा के लिए सही नहीं।
- वीडियो कॉलिंग और वीडियो स्ट्रीमिंग में परेशानी।
3जी नेटवर्क क्या है, कब आया, किसके द्वारा बनाया गया ?
मोबाइल नेटवर्क तकनीक तीसरी पीढ़ी 3जी को वर्ष 2000 में शुरू किया गया। इसमें डाटा की स्पीड बढ़कर 384केबीपीएस से 2एमबीपीएस के बीच हो गई। 3जी में वॉयस कॉल के साथ ही वीडियो कॉल का भी सुविधा उपलब्ध थी। वहीं इसमें फाइल ट्रांसफर, इंटरनेट, ऑनलाइन टीवी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, 3डी गेमिंग और ईमेल सेंड-रिसीव जैसे फीचर शामिल थे। 2जी तकनीक के मुकाबले 3जी तकनीक की खासियत थी कि यह अधिक सुरक्षित है। 3जी तकनीक में अधिकतक डाउनलोड गति 21MBPS और अपलोड गति 5.7MBPS है। साथ ही इसके बड़ी खासियत है कि इसने मोबाइल फोन के लिए एप्लिकेशन बनाने के रास्ता खोल दिया।
फायदे
- सिक्योरिटी और उच्च स्पीड वेब सुविधा
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
- टीवी स्ट्रीमिंग
नुकसान
- 3जी लाइसेंस सर्विस के लिए मंहगी फीस
- उच्च बैंडबिथ की आवश्यकता
- मंहगे 3जी फोन
4जी नेटवर्क क्या है, कब आया, किसके द्वारा बनाया गया ?
4जी तकनीक की शुरूआत साल 2007 में हुई लेकिन उस वक्त यह वाईमैक्स नेटवर्क पर टेस्ट किया गया था। वर्ष 2008 में 4जी की एलटीई तकनीक ने दस्तक दी भारत में भी 4जी LTE (Long Term Evolution) सेवा ही उपलब्ध है। 4जी मोबाइल तकनीक माध्यमम से 100MBPS से लेकर 1GBPS की गति से डाटा डाउनलोड और अपलोड किया जा सकता है। इसमें एक सामान्य मूवी कुछ ही सेकेंड में डाउनलोड हो जाती है। यह तकनीक ग्लोबल रोमिंग को सपोर्ट करती है और इसमें सिक्योरिटी फीचर्स भी अधिक हैं। 4जी तकनीक की सबसे बड़ी खूबी है कि यह खराब से खराब नेटवर्क पर भी कम से कम 54MBPS की गति देता है।
#LTE (Long Term Evolution)
इस मानक को 2009 में ओस्लो, नॉर्वे और स्टॉकहोम, स्वीडन में व्यावसायिक रूप से प्रयोग किया गया था।
फायदे
- मोबाइल मल्टीमीडिया
- ग्लोबल मोबिलिटी सपोर्ट
- हाई स्पीड
नुकसान
- बैटरी की अधिक खपत
- मुश्किल हार्डवेयर
5जी नेटवर्क क्या है, कब आया, किसके द्वारा बनाया गया ?
यह मोबाइल नेटवर्क की सबसे आधुनिक तकनीक है। पिछले साल साउथ कोरिया ने 5जी तकनीक की शुरुआत की है। यह वायरलैस वर्ल्ड वाइड वेव को ध्यान में रखकर पेश किया गया है। यह पूरी तरह वायरलैस कम्यूनिकेशन है जिसमें लिमिटेशन लगभग न के बराबर है। इस तकनीक में बड़ें पैमाने पर डाटा का आदान-प्रदान होता है। 5जी तकनीक की भारत में इसकी स्पीड अधिकतम् 10जीबीपीएस है।
लाभ
-इसमें मल्टीमीडिया न्यूजपेपर
- एचडी क्वालिटी टीवी प्रोग्राम
- पिछली जेनरेशन के बजाय तीव्र डाटा ट्रांसमिशन
- अधिक फोन मैमोरी
- ऑडियो और वीडियो कॉलिंग में स्पष्टता
एमबीपीएस क्या होता है?
इंटरनेट पर डाटा ट्रांस्फर की गति को मेगाबिट्स प्रति सेकेंड के दर से मापा जाता है। 1 मेगाबिट्स में एक लाख बिट्स होते हैं।
वाईमैक्स क्या है ?
यह एक दूरसंचार तकनीक है। वाईमैक्स का पूरा नाम वर्ल्डवाइड इंटरऑपरेटिबिलिटी फॉर माइक्रोवेव एक्सेस है। इसे साउथ कोरिया द्वारा 2006 में विकसित किया गया था। यह मोबाइल सेवा की वायरलेस तकनीक है। 4जी नेटवर्क की यह तकनीक न्यूनतम 30-40 एमबीपीएस तक की गति से डाटा ट्रांस्फर में सक्षम है। वाईमैक्स ऐसे लोगों के लिए अधिक उपयोगी है जो घर और ऑफिस दोनों जगह इंटरनेट का उपयोग करते हैं किंतु कनेक्शन एक ही लेना चाहते हैं। भारत में 4जी की यह सेवा उपलब्ध नहीं है।
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