Database Management System (DBMS)
DBMS का पूरा नाम डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (Database Management System) है। यह Programs का पूरा Collection होता है जिसके द्वारा Users डेटाबेस को Create, Delete और Maintain कर सकते है। DBMS एक सॉफ्टवेयर है जिसका प्रयोग Database में Data को Store, Manage, Retrieve और Define करने के लिए किया जाता है।
यह एक general purpose सॉफ्टवेर सिस्टम है जो कि हमें निम्नलिखित सुविधाएँ प्रदान करता है:-
- Data Definition – इसका प्रयोग Database के Organization को Define करने वाली definition को create, delete और modify करने के लिए किया जाता है।
- Data Update – इसका प्रयोग Database में वास्तविक Data को Insert, Delete, और Modify करने के लिए किया जाता है।
- Data Retrieval – इसका प्रयोग जरूरत के आधार पर Database में से Data को Retrieve करने के लिए किया जाता है।
- User Administrator – इसका प्रयोग Users को Register और Monitor करने के लिए किया जाता है और इसका प्रयोग Data Integrity को Maintain करने, Data Security प्रदान करने, Performance को Monitor करने और Concurrency Control के लिए किया जाता है।
Components of DBMS (In Hindi)
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम के Components निम्नलिखित होते हैं:-
- Hardware
- Software
- Data
- Users
- Procedures
हार्डवेयर (Hardware)
हार्डवेयर में हमारा कंप्यूटर सिस्टम आ जाता है जो कि हमारे डेटाबेस को स्टोर करने तथा एक्सेस करने के लिए प्रयोग होता है। इसके अंतर्गत Physical इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे कि – Computer, I/O Channels, Storage Devices आदि आते हैं। कंप्यूटर सिस्टम में डाटा को स्टोर करने के लिए ज्यादातर हार्डडिस्क का प्रयोग किया जाता है।
सॉफ्टवेयर (Software)
यह DBMS का सबसे मुख्य Component है। यह Programs का एक समूह है जिसका प्रयोग पूरे डेटाबेस को Control और Manage करने के लिए किया जाता है। इसके अंतर्गत DBMS Software, Operating System, और Application Programs आते हैं। डेटाबेस तथा Users के मध्य DBMS सॉफ्टवेर स्थित रहता है। यह बहुत ही आसान Interface प्रदान करता है जिससे डेटाबेस में Data को Store, Update, और Retrieve किया जाता है।
Data (डाटा)
डेटा, DBMS का एक मुख्य महत्वपूर्ण Component है। डीबीएमएस Data को Collect, Store, Process और Access करता है। Database में वास्तविक Data, Operational Data, और Metadata स्टोर रहता है।
Users (यूजर)
इस में बहुत सारें Users होते है जो की जरूरतों के हिसाब से डाटा को एक्सेस करते है। प्रत्येक Users की Capability तथा जरुरत होती है वह अलग- अलग होती है। इसमें Users निम्नलिखित होते है:-
1. Database administrator
2. Database designers
3. End-Users
4. Application programmers
Procedures (प्रक्रियाएं)
Procedures में Database Management System को Use करने के Rules तथा Instruction आते हैं। Procedures यह बताता है कि सिस्टम में डेटाबेस को किस प्रकार प्रयोग करना है। जैसे कि:- DBMS को Install और Setup करना, डेटाबेस लॉग इन करना, लॉगआउट करना, डेटाबेस का बैकअप लेना, तथा डेटाबेस को हैंडल करना आदि।
Characteristics of DBMS (In Hindi)
इसकी विशेषतायें निम्नलिखित है:-
- यह किसी भी प्रकार के Data को स्टोर कर सकता है। Real World में जितने भी प्रकार का डेटा होता है यह उन सभी को स्टोर कर सकता है।
- यह ACID Properties को Support करता है। ACID का अर्थ होता है – Accuracy, Completeness, Isolation, तथा Durability।
- Database System के द्वारा बहुत सारें User एक साथ एक समय पर Database को एक्सेस कर सकते है।
- इसके द्वारा डेटा को Share किया जा सकता है।
- इसमें Data Redundancy नहीं होती है। अर्थात् Duplicate डेटा नहीं होता है।
- इसमें Security होती है अर्थात कोई Unauthorized User इसे एक्सेस नहीं कर सकता है।
- अगर किसी कारणवश डेटाबेस Delete हो जाता है या Corrupt हो जाता है तो उसका हम Backup ले सकते है।
Types of DBMS (In Hindi)
यह मुख्यतया 4 प्रकार का होता है। जो कि निम्न है:-
- Hierarchical
- Network
- Relational
- Object-Oriented
Hierarchical
इस डेटाबेस में, Data जो है वह Tree की तरह के Structure में Organised रहता है। अर्थात इसमें डेटा Top Down या Bottom Up Format में स्टोर रहता है। Data में Parent-Child Relationship होती है। इस मॉडल में Parent-Child रिलेशनशिप होती है। इस Model में प्रत्येक Entity के पास केवल एक Parent होता है और बहुत सारें Children होते है। इस मॉडल में केवल एक Entity होती है जिसे हम Root कहते है। किसी Data को Retrieve करने के लिए हमें प्रत्येक Tree को तब तक Traverse करना पड़ता है जब तक कि Record मिल नहीं जाता। इस डेटाबेस का सबसे ज्यादा प्रयोग Banking और Telecommunication क्षेत्रों में किया जाता है। इसका मुख्य लाभ यह है कि इसमें हम Data को बहुत तेजी से Access और Update कर सकते है। इसकी हानि यह है कि इसका Structure सभी में Apply नहीं किया जा सकता। अर्थात यह Flexible नहीं होता है।
यह डेटाबेस, नेटवर्क Structure का प्रयोग Entities के मध्य Relationship को Create करने के लिए करता है। इसका प्रयोग बहुत बड़े Digital Computers में किया जाता है। यह Database भी Hierarchical की तरह ही होता है परन्तु इसमें एक Child के बहुत सारें Parent हो सकते है। इसमें Child को Members कहते है और Parents को Occupier कहते है। Network Database का निर्माण Charles Bachman ने की थी। इसमें Entities को एक Graph में व्यवस्थित किया जाता है जिससे कि उन्हें बहुत सारें Paths (रास्तों) से आसानी से Access किया जा सके। इसका मुख्य फायदा यह है कि इसमें हम डाटा को आसानी से Access कर सकते है एवं इसका डिजाईन भी Easy होता है। इसका नुकसान यह है कि इसमें Records को Update और Insert करना बहुत Complex होता है।
रिलेशनल डेटाबेस का प्रयोग सबसे ज्यादा किया जाता है क्योंकि यह सबसे सरल है और आसानी से use किया जा सकता है। इसमें Data जो है वह एक Table की Rows और Columns में होता है। इसमें Data को Insert, Delete, Update करने के लिए SQL का प्रयोग किया जाता है। इसमें Table को Relation कहते है। कुछ Popular Relational DBMS है:- DB2, Oracle, SQL Server, RDB आदि। इसका मुख्य Advantage यह है कि इसमें डेटा Table के Form में होता है जिसके कारण Users इसे आसानी से समझ लेते है और Access कर सकते हैं। इसका Disadvantage यह है कि ज्यादा Data होने पर यह Complex बन जाता है। और Data के मध्य की Relationship भी Complicated हो जाती है।
इसमें Data जो है वह Objects के रूप में स्टोर रहती है। और इसके Structure को Class कहते है। यह Programming की Capability को उपलब्ध कराती है। इसमें Database Application को Create करने के लिए कम Codes की जरूरत होती है। और Codes को Maintain करना भी बहुत आसान होता है। Object Oriented DBMS को 1880 के दशक में निर्मित किया गया था। ये Database ज्यादातर सभी Programming Language को सपोर्ट करते है। जैसे:- c++, JAVA, RUBY, PYTHON, आदि। इसका मुख्य लाभ यह है कि इसको Maintain करना बहुत आसान होता है। इसका नुकसान यह है कि इसकी कोई अपनी Query Language नही है। जैसे Relational की SQL है।
E-R Model
E-R model का पूरा नाम Entity Relationship Model है। यह Database Design का एक Graphical Approach है। अर्थात् इसमें Diagram तथा Visual Representation के द्वारा डेटाबेस को डिजाईन किया जाता है। यह Entity / Relationship का प्रयोग Real World Objects को प्रदर्शित करने के लिए करता है।
Entity – ER Model में एक Entity, Real World Object होती है। Entities की Properties को Attribute कहते है। उदाहरण के लिए SCHOOL के Database में Student एक Entity हुई।
Relationship – Entities के मध्य के Association को Relationship कहते है। Mapping Co-ordinates बहुत सारें Association को डिफाइन करता है-
- One to One
- One to Many
- Many to One
- Many to Many
Advantage of DBMS in Hindi
इसके फायदे निम्नलिखित हैं:-
- यह अलग-अलग प्रकार के Data को Store और Retrieve करने के लिए बहुत सारीं Methods प्रदान करता है।
- DBMS में सुरक्षा और Integrity(अखण्डता) का पूरा ध्यान रखा जाता है। डेटाबेस में किसी भी प्रकार की Value को Insert करने से पहले उसे कुछ Conditions को Satisfy करना आवश्यक होता है। डेटाबेस में यूजर को सभी डेटा को Access करने की अनुमति नही होती है। जिससे डेटा Integrity बढ़ती है।
- इसमें डेटाबेस को बहुत ही आसानी से Access किया जा सकता है।
- इसे Maintain करना बहुत ही आसान है क्योंकि इसमें Centralized Database System होता है।
- इसमें User दुसरें Users को डाटा Share कर सकता है।
- इसमें Data का Backup ले सकते हैं। इसमें Users को खुद Backup लेने की जरूरत नहीं पड़ती, DBMS खुद ही Backup ले लेता है।
- इसमें Duplicate Data को स्टोर नहीं किया जाता।
Disadvantage of DBMS in Hindi
इसके नुकसान नीचे दिए गये हैं:-
- इसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का Cost बहुत ही अधिक होता है।
- ज्यादतर डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम Complex (कठिन) होते हैं। इसलिए Users को इसकी Training देना आवश्यक होता है।
- कुछ संगठनों में, सभी Data को एक ही डेटाबेस में Integrate किया जाता है जो Electric Failure के कारण Damage हो सकते हैं।
- इसमें कई Users एक समय में एक ही Program को Access करते हैं जिसके कारण कभी-कभी कुछ डेटा का नुकसान होता है।
Application of DBMS (In Hindi)
इसका प्रयोग निम्नलिखित जगहों पर किया जाता है:-
- इसका प्रयोग Banking में Customer की जानकारी, Payment, Account की गतिविधियों, Deposit और Loan को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
- इसका प्रयोग Airlines में Ticket Booking, और रिजर्वेशन के लिए किया जाता है।
- College और School में Student की जानकारी, Course रजिस्ट्रेशन, और Result के लिए किया जाता है।
- Telecommunication में Call Records, Bills और Balance की जानकारी को स्टोर करने के लिए DBMS का use किया जाता है।
- Finance में Stock, Sales, और Purchase की Information को Store करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
- Sales में इसका प्रयोग Customer, Product और Sales की Information को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
- Manufacturing में इसका प्रयोग Supply Chain Management और Product को Track करने के लिए किया जाता है।
- HR Management में इसका प्रयोग Employees, Salary, Payroll और Paycheck आदि की जानकारी को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
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